1. चौखी संगत में उठणो बैठणो।
2. काम स्यू काम राखणौ |
2. काम स्यू काम राखणौ |
3. ऊड़तो तीर नही पकडनो।
4. घणो लालच नही करणो।
5. सोच समझ कर पग राखणो।
4. घणो लालच नही करणो।
5. सोच समझ कर पग राखणो।
6. रास्ते आणो, रास्ते जाणो ।
7. जितो हो सके बित्तो ही कम बोलणो ।
8. छोटा मोटा को कायदों राखणो ।
9.जितो पचे, उतो ई खावो।(पेट खुदको होवे है)
10. बीना पूच्छ्या सलाह नहीं देणी । 11. पराई पंचायती नही करणी।*
12. आटे मे लूण समावे, लूण मे आटो नही।*
13. पगा बलती देखणी, डुंगर बलती नही।*
14. बीच में ही लाडे की भुवा नही बणनी।*
15. सुणनी सबकी करणी मन की।*
पानी में गुड डालिए, बीत जाए जब रात!
सुबह छानकर पीजिए, अच्छे हों हालात!!
सुबह छानकर पीजिए, अच्छे हों हालात!!
*धनिया की पत्ती मसल, बूंद नैन में डार!*
दुखती अँखियां ठीक हों, पल लागे दो-चार!!
दुखती अँखियां ठीक हों, पल लागे दो-चार!!
*ऊर्जा मिलती है बहुत, पिएं गुनगुना नीर!*
कब्ज खतम हो पेट की, मिट जाए हर पीर!!
कब्ज खतम हो पेट की, मिट जाए हर पीर!!
*प्रातः काल पानी पिएं, घूंट-घूंट कर आप!*
बस दो-तीन गिलास है, हर औषधि का बाप!!
बस दो-तीन गिलास है, हर औषधि का बाप!!
*ठंडा पानी पियो मत, करता क्रूर प्रहार!*
करे हाजमे का सदा, ये तो बंटाढार!!
करे हाजमे का सदा, ये तो बंटाढार!!
*भोजन करें धरती पर, अल्थी पल्थी मार!*
चबा-चबा कर खाइए, वैद्य न झांकें द्वार!!
चबा-चबा कर खाइए, वैद्य न झांकें द्वार!!
*प्रातः काल फल रस लो, दुपहर लस्सी-छांस!*
सदा रात में दूध पी, सभी रोग का नाश!!
सदा रात में दूध पी, सभी रोग का नाश!!
*प्रातः- दोपहर लीजिये, जब नियमित आहार!*
तीस मिनट की नींद लो, रोग न आवें द्वार!!
*भोजन करके रात में, घूमें कदम हजार!*
डाक्टर, ओझा, वैद्य का , लुट जाए व्यापार !!
डाक्टर, ओझा, वैद्य का , लुट जाए व्यापार !!
*घूट-घूट पानी पियो, रह तनाव से दूर!*
एसिडिटी, या मोटापा, होवें चकनाचूर!!
एसिडिटी, या मोटापा, होवें चकनाचूर!!
*अर्थराइज या हार्निया, अपेंडिक्स का त्रास!*
पानी पीजै बैठकर, कभी न आवें पास!!
पानी पीजै बैठकर, कभी न आवें पास!!
*रक्तचाप बढने लगे, तब मत सोचो भाय!*
सौगंध राम की खाइ के, तुरत छोड दो चाय!!
सौगंध राम की खाइ के, तुरत छोड दो चाय!!
*सुबह खाइये कुवंर-सा, दुपहर यथा नरेश!*
भोजन लीजै रात में, जैसे रंक सुरेश!!
भोजन लीजै रात में, जैसे रंक सुरेश!!
*देर रात तक जागना, रोगों का जंजाल!*
अपच,आंख के रोग सँग, तन भी रहे निढाल^^
अपच,आंख के रोग सँग, तन भी रहे निढाल^^
*दर्द, घाव, फोडा, चुभन, सूजन, चोट पिराइ!*
बीस मिनट चुंबक धरौ, पिरवा जाइ हेराइ!!
बीस मिनट चुंबक धरौ, पिरवा जाइ हेराइ!!
*सत्तर रोगों कोे करे, चूना हमसे दूर!*
दूर करे ये बाझपन, सुस्ती अपच हुजूर!!
दूर करे ये बाझपन, सुस्ती अपच हुजूर!!
*भोजन करके जोहिए, केवल घंटा डेढ!*
पानी इसके बाद पी, ये औषधि का पेड!!
पानी इसके बाद पी, ये औषधि का पेड!!
*अलसी, तिल, नारियल, घी सरसों का तेल!*
यही खाइए नहीं तो, हार्ट समझिए फेल!
यही खाइए नहीं तो, हार्ट समझिए फेल!
*पहला स्थान सेंधा नमक, पहाड़ी नमक सु जान!*
श्वेत नमक है सागरी, ये है जहर समान!!
श्वेत नमक है सागरी, ये है जहर समान!!
*अल्यूमिन के पात्र का, करता है जो उपयोग!*
आमंत्रित करता सदा, वह अडतालीस रोग!!
आमंत्रित करता सदा, वह अडतालीस रोग!!
*फल या मीठा खाइके, तुरत न पीजै नीर!*
ये सब छोटी आंत में, बनते विषधर तीर!!
ये सब छोटी आंत में, बनते विषधर तीर!!
*चोकर खाने से सदा, बढती तन की शक्ति!*
गेहूँ मोटा पीसिए, दिल में बढे विरक्ति!!
गेहूँ मोटा पीसिए, दिल में बढे विरक्ति!!
*रोज मुलहठी चूसिए, कफ बाहर आ जाय!*
बने सुरीला कंठ भी, सबको लगत सुहाय!!
बने सुरीला कंठ भी, सबको लगत सुहाय!!
*भोजन करके खाइए, सौंफ, गुड, अजवान!*
पत्थर भी पच जायगा, जानै सकल जहान!!
पत्थर भी पच जायगा, जानै सकल जहान!!
*लौकी का रस पीजिए, चोकर युक्त पिसान!*
तुलसी, गुड, सेंधा नमक, हृदय रोग निदान!
तुलसी, गुड, सेंधा नमक, हृदय रोग निदान!
*चैत्र माह में नीम की, पत्ती हर दिन खावे !*
ज्वर, डेंगू या मलेरिया, बारह मील भगावे !!
ज्वर, डेंगू या मलेरिया, बारह मील भगावे !!
*सौ वर्षों तक वह जिए, लेते नाक से सांस!*
अल्पकाल जीवें, करें, मुंह से श्वासोच्छ्वास!!
अल्पकाल जीवें, करें, मुंह से श्वासोच्छ्वास!!
*सितम, गर्म जल से कभी, करिये मत स्नान!*
घट जाता है आत्मबल, नैनन को नुकसान!!
घट जाता है आत्मबल, नैनन को नुकसान!!
*हृदय रोग से आपको, बचना है श्रीमान!*
सुरा, चाय या कोल्ड्रिंक, का मत करिए पान!!
सुरा, चाय या कोल्ड्रिंक, का मत करिए पान!!
*अगर नहावें गरम जल, तन-मन हो कमजोर!*
नयन ज्योति कमजोर हो, शक्ति घटे चहुंओर!!
नयन ज्योति कमजोर हो, शक्ति घटे चहुंओर!!
*तुलसी का पत्ता करें, यदि हरदम उपयोग!*
मिट जाते हर उम्र में,तन में सारे रोग।
मिट जाते हर उम्र में,तन में सारे रोग।
एक बार तीन काले कुत्ते थे और पास मै ब्याह
था और तीनों ने सलाह बनाई कि बारी बारी जीमण चालागें
एक कुता गया, उसके लठ मारा वो उन दो कुत्तों के पास गया तो उन्होंने कहा खा-आया ?
उस कुते ने कहा हाँ खा-आया
दुसरा कुता बोला अब मेरी बारी वो गया उसक दो लठ मारे तु फेर आ गया ?
दुसरा कुता बोला अब मेरी बारी वो गया उसक दो लठ मारे तु फेर आ गया ?
तो कुत्तों ने पूछा: खाआया ?
बोला हाँ खा-आया
बोला हाँ खा-आया
तीसरा कुत्ता बोला अब मेरी बारी।
वो गया तो उन्होंने बोलया फेर आ गया तु ? तो गेट बंद कर के कई लठ मारे कुता अपना पिछा छुटा के भाजा और उन कुत्तों के पास गया और वो कुते बोले खाआया ?
वो गया तो उन्होंने बोलया फेर आ गया तु ? तो गेट बंद कर के कई लठ मारे कुता अपना पिछा छुटा के भाजा और उन कुत्तों के पास गया और वो कुते बोले खाआया ?
वो कुत्ता बोलया, "आण ही कोनी देवे थे. केण लागे कि ब्याह पूरा देख के जाओ।"
‘ लाल’ तो 'आडवाणी' भी हैं।*
मुखर्जी’ तो रानी भी है।*
राहुल’ तो 'गांधी' भी है।*
‘स्मार्ट’ तो फोन भी होते हैं।*
छोटा’ तो भीम भी है।*
सूरत’ तो गुजरात में भी है।*
‘ Hmmm’ तो भैंस भी करती है।*
सेंसेटिव’ तो टूथपेस्ट भी है।*
गोवा’ तो पान मसाला भी है।*
टेबलेट’ तो सैमसंग का भी है।*
‘साइलेंट’ तो मनमोहन भी हैं।*
अंडा’ तो मुर्गी भी देती है।*
S1, S2...S4’ तो ट्रेन के डिब्बे भी होते हैं।*
वरना न्यू तो दिल्ली भी है।* ⚜
जब तक साँस है ,
टकराव मिलता रहेगा !
जब तक रिश्ते हैं ,
घाव मिलता रहेगा !
टकराव मिलता रहेगा !
जब तक रिश्ते हैं ,
घाव मिलता रहेगा !
पीठ पीछे जो बोलते हैं ,
उन्हें पीछे ही रहने दे ,
रास्ता सही है तो गैरों से भी
लगाव मिलता रहेगा........
उन्हें पीछे ही रहने दे ,
रास्ता सही है तो गैरों से भी
लगाव मिलता रहेगा........
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